प्रिय
पाठकों, SSC CGL वर्णनात्मक पेपर में आपकी सहायता करने के लिए, आज इस लेख
में हमने पत्र लिखने के विषय पर विस्तृत जानकारी दी है. आज हम आपको पत्र
लिखने का प्रारूप प्रदान कर रहे हैं. इस पोस्ट कू ध्यान पूर्वक पढ़िए.
हमारी अगली पोस्ट में, हम पत्र लेखन पर और भी प्रश्न डालेंगे ताकि आप इसका बेहतर ढंग से अभ्यास कर सके और 19 मार्च, 2017 को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.
पत्र-लेखन
हर
शिक्षित व्यक्ति को पता होना चाहिए कि एक स्पष्ट और पठनीय पत्र कैसे लिखना
चाहिए. हर किसी को कभी-कभी कुछ प्रकार के व्यवसाय पत्र लिखने और एक
महत्वपूर्ण पत्र लिखने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है जो जीवन में
उनके हितों को प्रभावित करता है. पत्र लेखन केवल सजावटी उपलब्धि नहीं है
बल्कि यह एक ऐसी कला है जो प्रत्येक पढ़े लिखे व्यक्ति को आनी चाहिए.
1. पत्र के प्रकार
पत्र
संदेश हैं, और कुछ पत्र-रूपों को अनुभव और रीति से स्थापित किया गया है
जैसा कि हर पत्र-लेखक द्वारा सीखा और उपयोग किए जाने वाला सबसे उपयोगी रूप,
उनकी अवहेलना करना अनभिज्ञता और लापरवाही का संकेत है.
कई
अलग-अलग प्रकार के पत्र (जैसे मैत्रीपूर्ण पत्र, व्यवसाय पत्र, आदि) हैं
जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष रूप है; लेकिन सभी प्रकार के लिए लागू
होने वाले कुछ मामले हैं,
सभी प्रकार के पत्रों में उपस्थित होने वाले छह अंक हैं, अर्थात्:
1. शीर्षक में (ए) लेखक का पता और (बी) और तारीख.
2. विनम्र नमस्कार का विनम्र ग्रीटिंग.
3. संचार या संदेश - पत्र का शरीर.
4. निष्कर्ष.
5. हस्ताक्षर.
6. लिफाफे पर अधिसूचना.
1.शीर्षक- यह पाठक को सूचित करता है, कि जहां आपने पत्र कहाँ और कब लिखा था.
शीर्षक
की स्थिति पहले पृष्ठ के ऊपर दायें हाथ के कोने में है- पता ऊपर और इसके
ठीक नीचे तारीख. पते और तारीख को आप बायीं ओर भी लिख सकते हैं.
24 एम.जी.मार्ग
नई दिल्ली 110 057
10 मार्च 2017
2. नमस्कार या ग्रीटिंग - ग्रीटिंग का रूप उस पर निर्भर करेगा कि जिसे आप लिख रहे हैं उस व्यक्ति से आप किस प्रकार से सम्बंधित हैं.
उदाहरण के लिए अपने परिवार के सदस्यों के लिए, यह होगा-
प्रिय पिता, प्रिय माँ, प्रिय चाचा, प्रिय हरि आदि.
दोस्तों के लिए, यह होगा-
प्रिय श्री देसाई या प्रिय रामचंद्र आदि.
व्यापारिक लोगों के लिए, यह होगा-
प्रिय महोदय, प्रिय सर, आदि.
3. पत्र का संचार या शरीर- यह
निश्चित रूप से, पत्र ही है, और इसकी लेखन शैली इस पर वह उस प्रकार के
पत्र पर निर्भर करेगा जो आप लिखना चाहते हैं. एक अंतरंग मित्र को एक पत्र
की शैली एक शुद्ध व्यावसायिक पत्र या एक आधिकारिक संचार से बहुत अलग होगी.
लेकिन सभी पत्रों पर लागू होने वाले कुछ संकेत नीचे दिए गए हैं.
(a) अपने पत्र को अनुच्छेदों में बात लीजिये(जब तक यह बहुत छोटा नहीं है, विषय-वस्तु आदि के परिवर्तन को चिह्नित करने के लिए.
(b)
साधारण भाषा और छोटे वाक्यों का प्रयोग कीजिये. बड़े शब्दों और बड़े वाक्यों
का प्रयोग मत कीजिये. अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहिये, और जितना हो सकता
है उतनी आसान भाषा में इसे लिखिए.
(c)
अपनी बात को पूरा करने की कोशिश कीजिये. लिखना शुरू करने से पहले सोचें कि
आप क्या कहना चाहते हैं; और अपने बिंदुओं को एक तार्किक क्रम में लिखिए.
(d) साफ़ रूप से लिखिए ताकि आपका पत्र पढ़ने वाले को उसे पढ़ने किस प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.
(e)
अपने विराम चिह्न को ध्यान में रखें, और उचित स्थानों में अल्पविराम और
अर्धविराम और पूर्ण विराम लगायें.गलत विराम चिह्न एक वाक्य का पूरा अर्थ
बदल सकता है.
4. अंशदान और निष्कर्ष - एक पत्र को अचानक बस लेखक के नाम के साथ समाप्त नहीं होना चाहिए. यह अशिष्टतापूर्ण दिखता है. तो कुछ विनम्र निष्कर्ष दिए गए हैं. जैसे-
आपका आभारी, आपका प्रिय मित्र, आपका आज्ञाकारी, आदि.
5. लेखक का नाम या हस्ताक्षर - यह अंत में जरूर लिखा जाना चाहिए.
जैसे:
आपका आभारी
के.आर.देशपांडे
6. लिफ़ाफ़े पर पता(या पोस्ट कार्ड:- लिफ़ाफ़े या पोस्ट कार्ड पर पता जरूर लिखा जाना चाहिए, इस प्रकार:
सारांश में:
एक पत्र लिखने में, पहले पृष्ठ के शीर्ष दाएं कोने में अपना पता और उसके नीचे तारिख लिखें. आप वैकल्पिक रूप से बाईं ओर उन्हें लिख सकते हैं.
फिर अभिवादन लिखिए (उदाहरण प्रिय श्री देसाई,) प्रष्ठ के बाईं ओर थोड़ा नीचे, इसके बाद एक अल्पविराम लगाइए.
फिर अपना पत्र अगली लाइन से आरंभ कीजिये, अभिवादन के दायीं ओर से.
अंत में निष्कर्ष लिखिए (उदाहरण: आपका आभारी), प्रष्ठ के दायीं/बायीं ओर, उसके नीचे अपने हस्ताक्षर कीजिये.
उदाहरण के लिए:
201 प्रगति बिल्डिंग
लक्ष्मी नगर 110092
10 मार्च 2017
प्रिय महोदय,
यदि आप मेरे द्वारा एक सप्ताहा पूर्व बुक की गई किताबे भेज दें तो मैं आपका बहुत आभारी हूँगा.
आपका आभारी
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