Wednesday, 21 October 2015

आइए जानें पीपीएफ और ईपीएफ

क्या होता है पीपीएफ ?

पीपीएफ का विस्तृत रूप  है "पब्लिक प्रॉविडेंट फंड" और इसे बहुत कम राशि में भी शुरू किया जाता है| यह छोटी बचत की सबसे पॉपुलर स्कीम है और इसका कारण इसमें ब्याज की दर बहुत अच्छी होती है और जब पैसे को निकाला जाता है तो उस पर टैक्स नहीं लगता| यह प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) की ही तरह रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए बेहतरीन योजना है|

इस स्कीम में इस साल ब्याज की दर 8.7 प्रतिशत है| ब्याज पर गणना हर साल होती है और वित्त वर्ष की समाप्ति पर आपके अकाउंट में डाल दी जाती है| इस पर ब्याज सरकारी बॉन्डों पर होने वाली आय से निर्धारित होती है|

पीपीएफ में अब अगर आप डेढ़ लाख रुपये तक लगाएंगे तो आपको 80सी के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलेगी| जब यह राशि परिपक्व हो जाएगी तो आपको उसके ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा| इस दृष्टि से यह बेहतरीन स्कीम है|

पीपीएफ अकाउंट 15 साल के लिए होता है लेकिन आप इसे पांच साल और आगे बढ़ा सकते हैं| उस पर भी ब्याज मिलता रहेगा| इसके लिए आप चाहें तो सिर्फ 500 रुपये सालाना लगाकर इस पर ब्याज उठाते रह सकते हैं|

अगर आप बीच की अवधि में पैसे निकालना चाहते हैं तो छठे साल से निकाल सकते हैं| आपको कुल जमा राशि का 50 प्रतिशत निकालने का अधिकार होगा| उसके बाद के साल में भी आप पैसे निकाल सकते हैं| आप इस राशि पर लोन भी ले सकते हैं लेकिन यह बैलेंस के 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए| इस पर आपको 2 प्रतिशत ब्याज 36 महीने तक देना होगा और उसके बाद की अवधि के लिए 6 प्रतिशत|

अकाउंट कहां खोलें 

इस स्कीम में आप अपना अकाउंट बैंक या अपने निकटतम डाकघर में खोल सकते हैं| वेतभोगी वर्ग के लिए इससे बढ़िया बचत योजना कोई नहीं है और इसलिए एक व्यक्ति को एक से ज्यादा अकाउंट खोलने की इजाजत नहीं है|

EPF अकाउंट के निष्क्रिय होने पर नहीं मिलता ब्याज

एक व्यक्ति जो 2011 से नौकरी पर नहीं हैं। उनके एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (ईपीएफ) अकाउंट में रकम जस की तस है क्योंकि वह चाहते थे कि इस पर तीन साल तक इंटरेस्ट मिलता रहे, जिसकी इजाजत कानून देता है। हालांकि अब उनके ईपीएफ अकाउंट में पड़े 9 लाख रुपये पर ब्याज नहीं जुड़ रहा है। उन्होंने पैसा नहीं निकाला और इस तरह सालाना ब्याज के रूप में उन्हें 80,000 रुपये की चपत लग रही है, जो उन्हें यह रकम कहीं और निवेश करने पर मिलती। फाइनैंस मिनिस्ट्री के अनुसार, ईपीएफओ के पास ऐसे 9,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हुए हैं।

पिछले साल बजट स्पीच में फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड का प्रस्ताव किया था ताकि पेंशनर्स, छोटे और सीमांत किसानों तथा दूसरे लोग जो प्रीमियम चुकाते हैं, उसे सब्सिडाइज्ड किया जाए। हालांकि फाइनैंस मिनिस्टर पीपीएफ के अनक्लेम्ड 3,000 करोड़ रुपये और पीपीएफ के ऐसे 6,000 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल इस काम में करना चाहते हैं। जेटली का प्रस्ताव तभी लागू होगा, जब उस पर संसद की मुहर लगे, लेकिन जिन ईपीएफ और पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स ने अपनी रकम क्लेम नहीं की है, उनके लिए चिंता की दूसरी वजहें हैं। 

सर्वश्रेष्ठ उदहारण : 29 साल की भाविनी ने परिवार संभालने की जिम्मेदारियों को देखते हुए नौकरी छोड़ी थी। हालांकि उन्होंने ईपीएफ का अपना पैसा नहीं निकाला। अपने अकाउंट में पड़े 80,000 रुपयों को उन्होंने अगर पीपीएफ में भी रीइनवेस्ट किया होता तो उस पर उन्हें 7,000 रुपये सालाना ब्याज मिलता। अगर उन्होंने अपना पैसा फंड्स में लगाया होता तो रिटर्न 12 से 15 पर्सेंट तक रहा होता।

पैसा वापस पाने का तरीका

अगर पिछले 36 महीनों से अपने ईपीएफओ अकाउंट में आपने कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं किया हो, यह निष्क्रिय हो जाएगा और इस पर ब्याज नहीं मिलेगा। अगर अकाउंट डिटेल्स आपके पास हों, तो ईपीएफओ वेबसाइट पर जाकर क्लेम फॉर्म भरें और इसे ईपीएफओ ऑफिस में जमा करें। अगर डिटेल्स न हों तो आप वेबसाइट पर ऑनलाइन हेल्पडेस्क ऑप्शन यूज कर सकते हैं।

दूसरे लोगों को पैसा निकालने के लिए फॉर्म 19 भरना होगा, जो उनके पिछले एंप्लॉयर या ईपीएफओ की वेबसाइट पर मिलेगा। फॉर्म 19 जमा करने पर आपका पुराना एंप्लॉयर इसे अटेस्ट करेगा और ईपीएफओ के पास भेजेगा। आपको रेजिग्नेशन एक्सेप्टेंस लेटर और एक कैंसल्ड चेक जैसे कुछ दूसरे डॉक्युमेंट्स भी जमा करने होंगे।

ईपीएफ से पैसे निकालने या ट्रांसफर करने की प्रक्रिया की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है। अगर आपके पास पिछले साल लॉन्च किया गया 12 डिजिट वाला यूनिवर्सल अकाउंट नंबर हो, तो आप ऑनलाइन रूट से काम कर सकते हैं।

निष्क्रिय PPF अकाउंट को कैसे करें ऐक्टिव

अगर किसी साल आप पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा न कर पाएं तो यह इन-ऑपरेटिव हो जाता है। इसे ऐक्टिव करने के लिए आपको 500 रुपये प्रति साल की दर से छूट गए हर फाइनैंशल इयर के लिए रकम जमा करनी होगी। 

रीऐक्टिवेशन के लिए आपको अपने संबंधित पोस्ट ऑफिस या बैंक की ब्रांच में जाना होगा, जहां आपका अकाउंट हो। वहां आपको एक लेटर जमा करना होगा। आपको पीपीएफ अकाउंट में मिनिमम 500 रुपये हर साल जमा करने होते ही हैं, तो वह रकम भी नए सिरे से शुरुआत करते वक्त जमा करनी होगी। साथ ही, हर डिफॉल्टिंग इयर के लिए 50 रुपये की पेनल्टी भी देनी होगी।

मच्योर हो चुके अकाउंट को रीऐक्टिवेट नहीं कराया जा सकता है। हालांकि अमाउंट क्लेम करने के लिए पेनल्टी देनी होगी।

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