Monday, 19 October 2015

नोबेल पुरुस्कार 2015!!!

प्रिय पाठक,

इस पोस्ट में हम आपको हाल ही में दिए गए नोबेल पुरुस्कार के बारे में बता रहे हैं जिनके आगामी परीक्षाओं में पूछे जाने की सम्भावना है| 



नोबेल पुरुस्कार के बारे में
नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 14 लाख डालर की राशि प्रदान की जाती है। अल्फ्रेड नोबेल ने कुल 355 आविष्कार किए जिनमें 1867 में किया गया डायनामाइट का आविष्कार भी था। स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउँडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। 
नोबेल पुरुस्कार 2015 और उनके विजेता 
शान्ति के लिए 
साल 2015 के लिए ट्यूनीशियाई संगठन नेशनल डायलॉग क्वार्टेट को शांति का नोबेल पुरस्‍कार दिया गया है।
ट्यूनीशियाई संघवादियो , नियोक्ताओं, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की एक गठबंधन को अन्य अरब देशों में वसंत क्रांति की तरह अराजकता में उतरने से जैस्मीन क्रांति को रोकने में मदद के लिए 2015 में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है।
ट्यूनीशियाई राष्ट्रीय संवाद समूह ने एंजेला मार्केल, पोप, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी, और अपने ईरानी समकक्ष मोहम्मद जावद ज़रीफ़ सहित उच्चस्तरीय प्रत्याशियों को पीछे छोड़ते हुए  नार्वे नोबेल समिति से यह पुरस्कार प्राप्त किया है।
साहित्य के लिए 
बेलारूस की 67-वर्षीय लेखिका स्वेतलाना एलेक्सीविच (Svetlana Alexievich) खोजी पत्रकार और पक्षी विज्ञानी के रूप में भी जानी जाती हैं। नोबेल पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश पिछले वर्ष यूराल फेडरल यूनिवर्सिटी ने की थी। 
स्वेतलाना ने चश्मदीदों के हवाले से चेरनोबिल आपदा (यूक्रेन का परमाणु हादसा) और द्वितीय विश्वयुद्ध का भावनात्मक पक्ष पेश करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। चश्मदीदों के शब्दों के जरिये इन घटनाओं के बारे में लिखने वाली स्वेतलाना की कृतियों का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ और वह कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हुईं।
भौतिकी के लिए 
2015 भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जापान के तकाकी काजिता(Takaaki Kajita) तथा कनाडा के आर्थर बी मैकडोनाल्ड(Arthur B. McDonald) को दिया गया है।
उन्हे यह पुरस्कार परमाण्विक कण न्युट्रिनो के द्रव्यमान रखने के सिद्धांत को प्रमाणित करने के लिये दिया गया है। पहले माना जाता था कि न्युट्रिनो का द्रव्यमान नही होता है।  तकाकी और आर्थर ने न्युट्रिनो दोलन(neutrino oscillations) की खोज की, जो सिद्ध करता है कि न्युट्रिनो का द्रव्यमान होता है।
ब्रह्मांड में हर समय मौजूद रहने वाले न्यूट्रिनो कण हमारे शरीर से भी खेलते रहते हैं। ऐसी खोज करने वाले जापान और कनाडा के भौतिकशास्त्रियों को 2015 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
रसायन के लिए 
स्वीडन के टॉमस लिंडल, अमेरिका के पॉल मोड्रिच और तुर्किश-अमेरिकी वैज्ञानिक अजीज संजार को क्षतिग्रस्त डीएनए की कोशिकाओं द्वारा मरम्मत संबंधी कार्य के लिए रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।
डीएनए (डिऑक्सीरिबो न्यूक्लियक एसिड) जीवन के निर्माण और उसके चलने का रासायनिक कोड होता है। कड़ी धूप या अन्य पर्यावरण संबंधी कारकों से डीएनए को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन प्रोटीनों का एक सम्मुचय होता है जो प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया जाता है। यह कोड को पढ़ता है और हुए नुकसान की भरपाई करता है। इन प्रक्रियाओं की मैपिंग करने के लिए तीनों वैज्ञानिकों की सराहना की गई। 
चिकित्सा के लिए 
वर्ष 2015 के चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है, और इसे संयुक्त रूप से तीन लोगों को दिया गया है, जिनमें आधे की हकदार चीन की तू यूयू हैं, जिन्होंने मलेरिया के खिलाफ एक नए उपचार की खोज की, जबकि शेष आधा पुरस्कार कीड़े-मकोड़ों द्वारा पैदा होने वाले संक्रमणों के खिलाफ नया उपचार खोजने वाले विलियम सी. कैम्पबेल तथा सतोषी ओमुरा को दिया गया है। इस पुरस्कार की घोषणा स्टॉकहोम में चिकित्सा पर नोबेल कमेटी की सचिव अरबन लेन्डाल ने की।
इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार जापानी बायोकैमिस्ट सतोषी ओमुरा आयरिश बायोकैमिस्ट विलियम सी. कैम्पबेल के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है और यह परजीवी (roundworm parasites) से होने वाले संक्रमणों के खिलाफ नई उपचार पद्धति विकसित करने के लिए मिला है।
अर्थशास्त्र के लिए
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री एंगस डिटॉन को उपभोग पर व्यापक काम के लिए इस साल अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया जाएगा। डिटॉन के इस शोध कार्य से विशेषकर भारत सहित दुनिया भर में गरीबी को आंकने के तरीके को नए सिरे से तय करने में मदद मिली।
पुरस्कार समिति के सचिव तोरस्टेन परसॉन ने कहा कि डिएटन के अनुसंधान ने अन्य अनुसंधानकर्ताओं व विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों को बताया कि मूल बुनियादी स्तर पर गरीबी को किस तरह से समझा जाए| यह संभवत: उनका सबसे अच्छा व सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। परसॉन के अनुसार डिटॉन का काम यह दिखाता है कि व्यक्तिगत व्यवहार किस तरह से व्यापक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। पुरस्कार समिति ने दुनिया में गरीबों की चिंता करने वाले काम को सम्मानित करने का फैसला किया है।
परीक्षा के अनुसार याद क

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