1.बौद्धों की अध्यात्मिक राजधानी बनेगा बोधगया
i.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के
बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर पहुंचे। यहां पीएम ने पवित्र बोधि वृक्ष के
नीचे कुछ वक्त बैठकर ध्यान भी किया। अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध सम्मेलन को
संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ कट्टर लोग जबरन अपनी विचारधारा थोपते
हैं। इससे अशांति फैलती है।
ii.हिंदू-बौद्ध समाज टकराव का पक्षधर
नहीं। दोनों शांति के रास्ते पर चलने की नसीहत देते हैं। ये दोनों दुनिया
में शांति और सद्भाव का दर्शन फैलाते हैं। बोधगया मानवता के सेवा की भूमि
है। यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। नेहरू, वाजपेयी के बाद यहां आया हूं।
iii.शिक्षक दिवस और जन्माष्टमी के दिन
हुआ यह आयोजन और ज्यादा अहम हो गया है। आज हम भारत के सबसे बड़े टीचर डॉ
सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मना रहे हैं। आज कृष्ण जन्माष्टमी भी है।
भगवान कृष्ण और गौतम बुद्ध दोनों महान टीचर थे। कृष्ण और बुद्ध, दोनों ने
सिद्धांतों को अहमियत दी।
iv.भारत में सेक्युलर ढांचा डेवलप
करने में बुद्ध की भूमिका। हम बोधगया को दुनिया में बौद्ध लोगों की
अध्यात्मिक राजधानी बनाना चाहते हैं। पीएम के दौरे को लेकर सुरक्षा के भी
कड़े इंतजाम किए गए हैं।
v.मोदी यहां तीन दिवसीय इंटरनेशल
बुद्धिष्ट कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने आए हैं। इस दौरान उनके साथ गृहराज्य
मंत्री किरण रिजीजू भी मौजूद रहे।
2.वन रैंक वन पेंशन स्कीम को मंजूरी
i.मोदी
सरकार ने लंबी बातचीत के बाद शनिवार को आखिरकार वन रैंक वन पेंशन (OROP)
स्कीम का ऐलान कर दिया। करीब 26 लाख रिटायर सर्विसमैन और 6 लाख से अधिक
युद्ध विधवाओं को इस स्कीम का तत्काल लाभ मिलेगा।
ii.इससे सरकारी खजाने पर करीब 8 से 10
हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वीआरएस लेने वाले फौजियों को इस स्कीम का
लाभ नहीं मिलेगा। ओआरओपी स्कीम 1 जुलाई 2014 से प्रभावी मानी जाएगी। यह
मामला 40 साल से लटका था।
iii.बिहार चुनाव से पहले ‘वन रैंक वन
पेंशन’ स्कीम का ऐलान मोदी सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत मानी जा रही
है। ओआरओपी की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी 82 दिन से जंतर-मंतर पर
प्रदर्शन कर रहे थे।
iv.ओआरओपी स्कीम लागू होने से अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के सैन्यकर्मियों की पेंशन के बीच का अंतर समाप्त हो जाएगा।
3.राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में 125 रुपये और 10 रुपये के दो स्मारक सिक्के जारी
i.प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में 125
रुपये और 10 रुपये के दो स्मारक सिक्के जारी किए|
ii.प्रधानमंत्री ने जोरावर हॉल, मानेकशॉ सेंटर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सिक्के जारी किए|
iii.इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने शिक्षक दिवस (5 सितंबर) की पूर्व संध्या पर केंद्रीय विद्यालय के
छात्रों को भी संबोधित किया| भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन
का जन्म दिवस 5 सितंबर देश भर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है|
4.केंद्र सरकार ने ऑनलाइन जीआईएस उपकरण के रूप में भारतीय पवन संसाधन एटलस का शुभारंभ किया
i.केंद्र सरकार ने 100 मीटर के स्तर
पर पवन संसाधन एटलस का शुभारंभ किया है| यह एटलस विधि निर्माताओं तथा राज्य
सरकारों को टैरिफ निर्धारण, पारेषण, ग्रेड आवृत्ति सम्बन्धी दिक्कतों से
निपटने में सहायता करेगी|
ii.इससे निवेशकों को भारत में निवेश
करने से पहले बेहतर जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी| भारतीय पवन संसाधन एटलस
एक महत्वपूर्ण जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) साधन है जिससे क्षेत्रीय एवं
स्थानीय पवन उर्जा की स्थिति का पता लगाया जा सकता है|
iii.इसमें पवन की वार्षिक गति की
गणना, पवन ऊर्जा घनत्व और क्षमता व उपयोग को 2 मेगावाट टरबाइन द्वारा 100
मीटर की ऊंचाई पर नापा गया है| एटलस में लेयर्स अधिक रेसोल्यूशन्स की हैं
तथा 500 मीटर के रेसोल्यूशन पर पूरे देश के लिए संयुक्त आवृत्ति टेबल लगायी
गयी हैं|
5.IMF ने कहा ग्लोबल स्तर पर इंडियन इकोनॉमी बेहतर स्थिति में
i.चीनी
अर्थव्यवस्था में मंदी से विश्व बाजार के प्रभावित होने की आशंका के बीच
जी-20 के वित्त मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष
(आईएमएफ) ने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के कुछ चमकदार स्थानों (वन
ब्राइटनेस स्पॉट) में से एक है।
ii.आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने यह टिप्पणी जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैकों के गवर्नरों की बैठक में की।
iii.बैठक में मौद्रिक नीति संबंधी
अनिश्चितताओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में मौजूद अधिकारियों के अनुसार
लेगार्ड ने कहा कि विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच, विकसित दुनिया
में अधिकतर स्थानों पर समस्याएं हैं वहीं उभरती अर्थव्यवस्थाओं में, चीन
में समस्याएं हैं। हालांकि वैसी बड़ी नहीं है, जैसा स्टॉक बाजार बना रहे
हैं।
i.कैंसर से जूझ रहे जाने-माने म्यूजिक
डायरेक्टर आदेश श्रीवास्तव (49) की शुक्रवार देर रात मुंबई के कोकिलाबेन
अस्पताल में निधन हो गया है।
ii.उन्होंने रात 12.30 बजे के करीब अंतिम सांसें लीं। कैंसर से परेशान आदेश 44 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।
iii.डॉक्टरों ने उन्हें कीमोथेरेपी
देना रोक दिया था, क्योंकि उन पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था। उनका अंतिम
संस्कार शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे अंधेरी वेस्ट के ओशिवारा क्रीमेटोरियम
में होगा।
7.बायोऊर्जा के लिए पैन आईआईटी सेंटर लांच
i.केंद्रीय विज्ञान एवं टेक्नोलाजी
मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने साइऐनोबैक्टीरियल जैव ईंधन
टेक्नोलाजी, सूक्ष्म शैवाल से जैव ईंधन, लिंगो-लिग्नोसेलुलोलिक जैवभार से
ईंधन तथा तकनीकी-आर्थिक तथा जीव चक्र विश्लेषण पर अनुसंधान लिए वर्चुअल
सेंटर/ डीबीटी पैन सेंटर को औपचारिक रूप से लांच किया है|
ii.विज्ञान एवं टेक्नोलाजी मंत्रालय
के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने पांच भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों (आईआईटी) –
बॉम्बे, खड़गपुर ,गुवाहाटी, जोधपुर, तथा रुड़की में जैव ऊर्जा के लिए
वर्चुअल सेंटर- डीबीटी पैन सेंटर लांच किया| सहयोगी अनुसंधान के लिए पहले
वर्चुअल सेंटर से एडवांस जैव ईंधन टेक्नॉलोजी के विभिन्न विषयों में
अनुसंधान को बल मिलेगा|
iii.एडवांस जैव ऊर्जा के लिए डीबीटी-
आईओसी केन्द्र, फरीदाबाद, ऊर्जा जैव विज्ञान के लिए डीबीटी-आईसीटी सेन्टर,
मुम्बई तथा एडवांस जैव ऊर्जा के लिए डीबीटी-आईसीजीईबी सेंटर, नई दिल्ली के
अतिरिक्त यह डीबीटी द्वारा स्थापित चौथा जैव ऊर्जा केन्द्र है|
अनवेषणकर्ताओं की भागीदारी की दृष्टि से यह केन्द्र चार जैव ऊर्जा
केन्द्रों से बड़ा है|
v.इस केन्द्र का उद्देश्य भारत में
जैव ऊर्जा उद्योग के साथ आपसी लाभ के संबंध को विकसित करना है. इस केन्द्र
का मुख्य उद्देश्य जैव ईंधन के क्षेत्र में एडवांस टेक्नॉलाजी विकसित करना
है, जिससे ऊर्जा संकट के सतत समाधान का मार्ग प्रशस्त हो|
8.झुंपा लाहिड़ी नेशनल ह्यूमैनिटीज़ मेडल से सम्मानित
i.पुलित्जर
पुरस्कार से सम्मानित की भारतीय मूल की अमेरिकी लेखिका झुंपा लाहिड़ी को
वर्ष 2014 के प्रतिष्ठित नेशनल ह्यूमैनिटीज मेडल के लिए चुना गया| झुंपा
लाहिड़ी को सितंबर 2015 में व्हाइट हाउस में आयोजित एक समारोह में अमेरिका
के राष्ट्रपति बराक ओबामा यह पदक प्रदान करेंगे|
ii.लाहिड़ी सहित 10 लोगो को यह पदक प्रदान किया जाएगा| अन्य 9 पुरस्कृत विजेता हैं:
- एनी डिलर्ड, लेखक
- एवरेट एल फ्लाई, वास्तुकार और परिरक्षक
- रेबेका न्यूबर्गर गोल्डस्टीन, दार्शनिक और उपन्यासकार
- एवलिन ब्रूक्स हिगिनबोथम, इतिहासकार
- फेडवा मालती-डगलस, विद्वान
- लैरी मेकमर्टरी, उपन्यासकार
- विकी लिन रूज़, इतिहासकार
- ऐलिस वाटर्स, लेखक और खाद्य कार्यकर्ता
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