Wednesday, 2 August 2017

tiranga

दास्तान-ए-सफ़र तिरंगा
समयः 7 अगस्त, 1906
स्थानः पारसी बगन स्क्वेयर, कोलकाता
बतौर राष्ट्रीय ध्वज, इसे सर्वप्रथम फहराया गया!
समयः 22 अगस्त, 1907
स्थानः
स्टटगार्ट, दक्षिणी जर्मनी
'सप्तऋषि ध्वज', जिसे अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी अधिवेशन में फहराया गया!
समयः 7 अगस्त, 1906
स्थानः कांग्रेस सत्र, कोलकाता
तब होम रूल मूवमेंट जोरों पर था। कांग्रेस सत्र के दौरान यह फहराया गया।

समयः 1921
आंध्र प्रदेश के एक युवक ने यह झंडा गांधी जी को भेंट किया,
उनकी सलाह-सहमति के लिए। उन्होंने इसमें सफेद पट्टी और चरखा शामिल करने की सलाह दी।
समयः 1931
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के एक सत्र के दौरान यह सुझाया गया।
हालांकि, इसे बतौर राष्ट्रीय ध्वज 'एप्रूवल' नहीं मिला।

समयः 6 अगस्त, 1931
...... तो यह है वह ध्वज, जिसे कांग्रेस ने सर्वसम्मति से औपचारिक तौर पर अपनाया।
इसे सर्वप्रथम 31 अगस्त को फहराया गया।

समयः 22 जुलाई, 1947
संपूर्ण राष्ट्रीय घ्वजः तिरंगा
काउंसिल हाउस में इसे सर्वप्रथम 15 अगस्त 1947 को फहराया गया।
स्वर्गीय श्रीपिंगाली वैंकेयाजिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के लिए तीन रंगों और चक्र को आकार-प्रकार दिया और बनाया तिरंगा
तिरंगायानी
केसरिया- साहस, त्याग, देशभक्ति और वैराग्य का प्रतीक
सफेद- शांति और एकता का प्रतीक
गहरा हरा- आस्था और समृद्धि का प्रतीक
बीचोंबीच मौजूद अशोक चक्र प्रतीक है राष्ट्र की सनातन प्रगति और न्याय के महत्व का

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